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गुनाह का देवता

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धर्मवीर भारती जी द्वारा लिखा गया एक अविस्मरणीय उपन्यास, ऐसा उपन्यास जिसे जब मैंने पढ़ना शुरू किया तो कुछ समय बाद मैं खुद भी उसका कहीं एक हिस्सा बन गया, और न जाने कितनी बार मन आंखें भर आई ।  सुरूआत में नटखटी, शर्मिली सुधा देखने को मिलती है और चंदर को हर वक़्त उसका साथ देना और , डाक्टर साहब (सुधा के पापा) का चंदर को सफल बनाने में हर संभव प्रयास करते रहना, सुधा और भूंपु का दोस्ती का दोस्तना देखने को मिलता है,  सुधा और चंदर का निश्चल प्रेम जो इस उपन्यास के माध्यम से कालंतर तक जीवीत कर देता है!!!  किन्तु चन्दर के मन विचिलित होना, अपने प्यारा को सर्वश्रेष्ठ त्याग बनना, किन्तु भूंपु उस घंमड को क्षण में तोड़ देती।  कुछ खास कथन जो यहाँ कहे गये हैं सुधा ने कुछ नहीं कहा। झुककर चंदर के परै को अपने होठों से छू लिया और पलक से दो आँसू चू पड़े... ; ''मौन का मतलब हाँ हैन?''  मैं नहीं होता। मसलन एक औरत है जिसका ब्याह हो गया है, या होने वाला है, उसे यदि एक नयी प्रेमिका मिल जाये तो उसकी प्रसन्नता का ठिकाना नहीं रहता। वह अपने पति का बहुत कम परवा करेगी अपने प्रेमी के सामने। और अ...

बुढ़ाकेदार नाथ मंदिर, कृष्ण मंदिर, जरा ताल बंजारा ताल । 26 june 2021बुढ़ाकेदार क्षेत्र में पर्यटन के अपार सम्भावनाओं हैं , बाबा केदार का मंदिर और अनेक ताल और बुग्याल यहाँ; उन्हें बस दुनिया की नज़र में आने की कमी। बुढ़ाकेदार से लगभग 5 किलोमीटर आगे है मेड गांव, जहाँ सड़क से 500 मीटर ऊपर पैदल मार्ग एक कृष्णजी का भव्य मंदिर हैं, जहाँ विभिन्न फूलों से सजे फुलों के बगीचे हैं, और मंदिर से जो नीचे घाटी का दृश्य है ओ देखने को ही बनता है। आगे मेड गांव से ही 3 किलोमीटर ऊपर जरा ताल जिसके चारों और बुग्याल के मैदान हैं , जिसका नफीस दृश्य बड़ा शानदार है। जरा ताल से लगभग 3 किलोमीटर आगे है बंजारा ताल जिसका मनमोहक दृश्य देखते रहने को ही करता है, ताल के आस पास स्थानीय लोगों के जानवर गाय, भैंस, बैल घस चरती , जनवरों की गले में टंगी घंटी की अवाज़ अलग दी सुकून देती है। और ताल से थोड़ा ऊपर साधु महराज की कुटिया भी बड़ी विलक्षण है, इतनी दुर्गम स्थान पर इतनी शानदार सीमेंट कंक्रीट बनी कुटिया देख कर आश्चर्यजनक लगता है। स्थानीय लोग जिनके वहाँ जानवर है, उनके बच्चे बुग्याल में अनेक खेल खेलते दिखते हैं कोई पकड़म पकड़ाई तो चूलाबांढी । इसे देख तो आसे लगता हैं जैसे हम अपने बच्चपन में वापिस लौट गये हैं, उन्हें बस देखते ही रहने को मन करता है। उत्तराखंडी फिल्म जगत के लोगों के लिये भी बड़ा शानदार स्थान यदि यहाँ यदि प्रकृति का दृश्य या प्रकृती में कोई दृश्य फिल्मांना चाहते हो यहाँ आके निराश नहीं होंगे। कोशिश जरूर करें यहाँ जाने की बस स्वच्छता का ध्यान रखें । नोट- तालों के नाम और उनकी सड़क से दूरी का हमें सही जानकारी नहीं । https://youtu.be/JptgkORxITYhttps://youtu.be/JptgkORxITY

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पर्यावरण दिवस और पर्यावरणविद् नेता

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पर्यावरण दिवस और पर्यावरणविद् नेता  आज विश्व पर्यावरण दिवस है तमाम जगहों पर कई प्रकार के संगठन और राजनीतिक लोग दुनियां को दिखने के लिए पर्यावरण दिवस के नाम पर छोटे-छोटे पौधों की बली दे रहे हैं । जबकि हकीकत कुछ और ही है। ये तमाम प्रकार के लोग और संगठन सिर्फ आज दिखावा मात्र करते हैं । जिन पेड़ पौधों को ये लोग आज रोपते हैं उन्हे दुबारा कभी देखने भी नहीं जाते । यही असली सच है पर्यावरण दिवस का, जो लोग वास्तव में पर्यावरण के प्रति सजग हैं वो लोग बिना किसी हो हल्ला, पुरस्कारों और फोटो में कहीं नहीं दिखते वे सिर्फ वे सिर्फ अपने काम के साथ मस्त हैं, जबकि अक्सर पर्यावरणविद् को मैंने जंगलों की दलाली करते देखा है ।  बिगत कुछ वर्षों से देख रहा हूं हमारे देश में कई पर्यावरणविद् और नेता उभर कर आ रहे हैं जिनको एक पेड़ लगाने के लिए  हजारों में भीड़ चाहिए और मीडिया सोशल मीडिया का भी भरपूर साथ चाहिए ।  कुछ वर्ष पूर्व ही हमारे प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने देहरादून की रिस्पना नदी में स्वच्छता को लेकर खूब ढिंडोरा पीटा लाखों पेड़ लगवाये करोडों के विज्ञापन छपवाए प्रदेश का खूब ...

जंगलों में आग

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कहाँ से मिलेगा जल!!?  जब ऐसे जलेगें जंगल।  क्या रहेगा इस धरती पर जीवन आगे भी?!?  जब पेड़ न रहेगा एक भी।  पानी💧 तो छोड़ो, हवा भी न होगी; मनुष्य तो छोड़ो एक चींटी 🐜 भी न होगी।  पेड़ों के बिना प्राण कहाँ से । जंगल बिना जल कहाँ से🌳 ___। ___पेड़??🌳 #जलदिवस #पर्यावरण #पृथ्वी #WorldWaterDay #environmental#जीवन #Life #earth #india #water #trees #forest 🌲🌲 🔥🔥🔥🔥🔥🔥😔😔 #nature #brunt #brunt #jangal #aag #shunya #o #c #uttarakhand #jangal

आसान नहीं होता है !यूँ घर के भाई बहनों में सबसे बड़ा होना।

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आसान नहीं होता है ! यूँ घर के भाई बहनों में सबसे बड़ा होना।  जिम्मेदारियों के जेवर में,  जिंदगी भर यूँ जड़े रहेना।  खुद की ख्वाहिशों को दफन करके!  भाई बहनों के सपनों को सच्च करने के लिए हर मुश्किल प्रयास करते रहेना।  परिवार पे आने वाली हर मुसिबतों के लिए!  बाप से भी पहले पहाड़ बन कर खड़ा रहेना। आसान नहीं होता है ! यूँ घर के भाई बहनों में सबसे बड़ा होना।       #Happy_birthday_brother

हम जो यूँ कैद करते हैं प्रकृति को कैमरे से।प्रकृति ने यूँ कैद करवा दिया हमें कमरों में कोरोना से।।

carona हम जो यूँ कैद करते हैं प्रकृति को कैमरे से। प्रकृति ने यूँ कैद करवा दिया हमें कमरों में कोरोना से।। ---------------------------------------------------------------------- ‌हम इनशान स्वयं को इस श्रृष्टि में यूँ जो सबसे से सर्वोपरि समझते हैं ये हमरी सबसे बड़ी ....है , । जैसे भारत देश में प्रधानमंत्री, राज्य में मुख्यमंत्री, किसी संस्थान में निर्देशक , क्लास में टीचर👨‍🏫🤫 और घर का मालिक 👀, हाॅस्टल में वार्डन, मेस में मेसइनचार्ज etc. ये सभी अपने- अपने स्थान पर स्वयं को सर्वोपरी समझते हैं। ये सोचते हैे कि हम जो चाहेंगे ओ करेगें..! और करने का प्रयास भी करते हैं...। लेकिन पूर्णतः अपनी मन इच्छा नहीं कर पाते है। वैसे ही मनुष्य भी पृथ्वी में मनइच्छा करने का प्रयास करना चाहता है__ ‌ औ जो चाहे ओ खायेगा, औ जो चाहे औ पियेगा, औ जहाँ चाहे वहाँ जायेगा , किन्तु पूर्णतः सफल नहीं हो पायेगा ये हम सभी भली भाँति जान गये हैं। जब स्थति ताली,🔔घंटी, थाली बजाने पे आ गयी है। (मज़ाक में ना लें)। इनशान ने लगभग पृथ्वी 🌎 का हर कोना घूम लिया है और यहाँ के बारे में जान लिया है, इसलिए औ अंतरिक्ष🌌🚀 मे...